गृह मंत्री इन नेताओं से हड़ताल खत्म करने, रेल की पटरियों से कब्जा छोड़ने का अनुरोध करेंगे, ताकि आम जनता को हो रही परेशानी दूर हो पाए। कांग्रेस ने जाटों के आरक्षण के मसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि यह बहुत ही नाजुक मामला है और पार्टी इस पर अचानक कोई राय नहीं बना सकती है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने जाटों को आरक्षण के बारे मंे कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के सुझाव को उनका निजी मत बताते हुए कहा कि कई लोग ऐसे भी हैं जो आरक्षण के खिलाफ हैं। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि सरकार जाटों की उचित मांगों के बारे मंे कोई ठोस फैसला व्यापक सहमति के आधार पर करेगी। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि फिलहाल पार्टी किसी तरह की हिंसा के खिलाफ है।
इससे पहले राज्यसभा में भाजपा सांसद रामदास अग्रवाल ने जाट आरक्षण को लेकर जारी आंदोलन पर सरकार की चुप्पी व अकर्मण्यता का मसला उठाया और कहा कि देश में 800 ट्रेनें स्थगित हो जाने के कारण लोगों को भारी परेशानी हो रही है। पिछले 10 दिनों से जारी आंदोलन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि जाट समुदाय की आबादी 8 करोड़ है और उसके आंदोलन के प्रति सरकार की बेरुखी ठीक नहीं है। भाजपा ने एक सप्ताह पहले इस मसले पर जवाब मांगा था लेकिन न तो सरकार ने सदन में कोई जवाब दिया और न ही आंदोलन समाप्त कराने के लिए कोई पहल की। अग्रवाल ने पूछा कि क्या सरकार आंदोलन के उग्र रूप लेने के इंतजार में है? उन्होंने चेतावनी दी कि यदि आंदोलनकारी आवेश में आ गए तो दिल्ली के आसपास अशांति फैल जाएगी। उन्होंने सरकार से तुरंत पहल करके इसे निपटाने को कहा। अग्रवाल के सुझाव का ज्ञानप्रकाश पिलानिया, माया सिंह व मुख्तार अब्बास नकवी ने भी समर्थन किया। शोरगुल बढ़ता देखकर केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार ने जल्द जवाब देने की बात कही लेकिन सदस्यों के शांत न होने पर उपसभापति ने कहा कि संबंधित मंत्री इस पर बुधवार को अपना बयान देंगे।
No comments:
Post a Comment