जन लोकपाल बिल को लेकर सरकार की ओर से सभी मांगें माने जाने के बाद अन्ना ने शनिवार को आमरण अनशन खत्म कर दिया। हजारे ने जन लोकपाल बिल के लिए गत मंगलवार को आमरण अनशन शुरू किया था। उसके बाद लगातार उनके साथ लोग जुड़ते गए। धीरे-धीरे भ्रष्टाचार के खिलाफ लोगों में गुस्सा भी बढ़ रहा था। इसे देखते हुए शुकवार रात सरकार ने घुटने टेक दिए। सरकार बिल के मसौदा प्रस्ताव के लिए 10 सदस्यीय समिति बनाने पर राजी हो गई। इसके बाद अन्ना ने ऐलान किया कि जनता की जीत हुई है और अब वह अनशन तोड़ देंगे।
दोनों पक्षों में बातचीत के बाद शुक्रवार देर रात समझौता हुआ। सरकार के प्रमुख वार्ताकार कपिल सिब्बल ने कहा कि हम लोकपाल बिल पर तुरंत काम शुरू करेंगे। हमें हर हाल में 30 जून से पहले ड्राफ्ट तैयार कर लेना है। इससे इसे मानसून सत्र में संसद में पेश करना मुमकिन होगा। हजारे ने इस कामयाबी को पूरे देश की जीत बताया। उन्होंने कहा कि सरकार ने हमारी सभी मांगें मान ली हैं।
सरकार झुकी
हजारे समर्थक किरण बेदी और स्वामी अग्निवेश ने साफ किया था कि जब तक सरकार बिल की मसौदा समिति के गठन का औपचारिक आदेश जारी नहीं करेगी तब तक अनशन खत्म नहीं किया जाएगा। इसके बाद सिब्बल को कहना पड़ा कि सरकार आदेश जारी करने पर भी राजी है।
मसौदा समिति के सदस्य
सरकार की ओर से : प्रणब मुखर्जी (अध्यक्ष), सदस्य- केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली, कपिल सिब्बल, पी चिदंबरम तथा सलमान खुर्शीद।
सिविल सोसाइटी की ओर से : शांति भूषण (सह-अध्यक्ष), सदस्य- प्रशांत भूषण, सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज संतोष हेगड़े, आरटीआई कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल तथा अन्ना हजारे।
आगे क्या?
> बिल बनने और संसद में पेश करने की राह खुलेगी।
प्रधानमंत्री, सोनिया को पत्र
> हजारे ने अपनी मांगों को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा। इसमें उन्होंने कहा कि जारी होने वाली अधिसूचना में इसके अध्यक्ष व सदस्यों के नाम, समय-सीमा तथा शर्तो का जिक्र हो।
> हजारे ने याद दिलाया कि सरकार संयुक्त मसौदा समिति पर राजी हुई है जिसमें 50 फीसदी सदस्य गैर-सरकारी होंगे।
> सोनिया ने हजारे से अनशन खत्म करने की अपील की थी। इस पर हजारे ने सोनिया को लिखे पत्र में याद दिलाई है कि राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की उप समिति जन लोकपाल बिल के व्यापक मसौदे पर राजी थी।
> उन्होंने सोनिया से परिषद की पूर्ण बैठक में चर्चा का आश्वासन भी मांगा।
ये मांगें मानीं
समिति में सामाजिक संगठनों और सरकार के पांच-पांच प्रतिनिधि हों। बिल बनाने का काम तुरंत शुरू हो। संसद के मानसून सत्र में इसे पेश किया जाए।
दो मुद्दों पर गतिरोध
लेकिन समिति के अध्यक्ष पद पर सरकार वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी को रखने पर अड़ी दिखी। लेकिन हजारे इस पर किसी रिटायर्ड जज की नियुक्ति चाहते थे। फिर हजारे ने समिति के गठन संबंधी अधिसूचना जारी करने की भी मांग रखी। लेकिन सरकार ने इससे इनकार कर दिया।
ऐसे बनी रजामंदी
बाद में हजारे ने अपने रुख में नरमी दिखाते हुए कहा कि सरकार भले ही समिति के अध्यक्ष का पद अपने पास रख ले। लेकिन सह-अध्यक्ष हमारा होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि समिति में कोई दागी मंत्री नहीं होना चाहिए।
बीच का रास्ता निकाला
हजारे ने कहा, यदि अध्यक्ष हमारा होगा तो सरकार को कठिनाई होगी। लेकिन यदि कोई मंत्री अध्यक्ष बनेगा तो कैबिनेट को उसकी सिफारिशें मंजूर करनी होंगी। अध्यक्ष और सह-अध्यक्ष के अधिकारों में कोई अंतर नहीं होगा।
शुक्रवार को दिनभर चली चर्चा
> प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील से मुलाकात की।
> सिंह ने राष्ट्रपति को गतिरोध सुलझाने के लिए हो रही कोशिशों की जानकारी दी।
> प्रधानमंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राजनीतिक सचिव अहमद पटेल, केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल तथा प्रणब मुखर्जी से बातचीत की।
> अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री सलमान खुर्शीद तथा विधि मंत्री वीरप्पा मोइली भी प्रधानमंत्री से मिले।
> रात में दोनों पक्षों के बीच बातचीत हुई जो कि सकारात्मक रही।
दोनों पक्षों में बातचीत के बाद शुक्रवार देर रात समझौता हुआ। सरकार के प्रमुख वार्ताकार कपिल सिब्बल ने कहा कि हम लोकपाल बिल पर तुरंत काम शुरू करेंगे। हमें हर हाल में 30 जून से पहले ड्राफ्ट तैयार कर लेना है। इससे इसे मानसून सत्र में संसद में पेश करना मुमकिन होगा। हजारे ने इस कामयाबी को पूरे देश की जीत बताया। उन्होंने कहा कि सरकार ने हमारी सभी मांगें मान ली हैं।
सरकार झुकी
हजारे समर्थक किरण बेदी और स्वामी अग्निवेश ने साफ किया था कि जब तक सरकार बिल की मसौदा समिति के गठन का औपचारिक आदेश जारी नहीं करेगी तब तक अनशन खत्म नहीं किया जाएगा। इसके बाद सिब्बल को कहना पड़ा कि सरकार आदेश जारी करने पर भी राजी है।
मसौदा समिति के सदस्य
सरकार की ओर से : प्रणब मुखर्जी (अध्यक्ष), सदस्य- केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली, कपिल सिब्बल, पी चिदंबरम तथा सलमान खुर्शीद।
सिविल सोसाइटी की ओर से : शांति भूषण (सह-अध्यक्ष), सदस्य- प्रशांत भूषण, सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज संतोष हेगड़े, आरटीआई कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल तथा अन्ना हजारे।
आगे क्या?
> बिल बनने और संसद में पेश करने की राह खुलेगी।
प्रधानमंत्री, सोनिया को पत्र
> हजारे ने अपनी मांगों को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा। इसमें उन्होंने कहा कि जारी होने वाली अधिसूचना में इसके अध्यक्ष व सदस्यों के नाम, समय-सीमा तथा शर्तो का जिक्र हो।
> हजारे ने याद दिलाया कि सरकार संयुक्त मसौदा समिति पर राजी हुई है जिसमें 50 फीसदी सदस्य गैर-सरकारी होंगे।
> सोनिया ने हजारे से अनशन खत्म करने की अपील की थी। इस पर हजारे ने सोनिया को लिखे पत्र में याद दिलाई है कि राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की उप समिति जन लोकपाल बिल के व्यापक मसौदे पर राजी थी।
> उन्होंने सोनिया से परिषद की पूर्ण बैठक में चर्चा का आश्वासन भी मांगा।
ये मांगें मानीं
समिति में सामाजिक संगठनों और सरकार के पांच-पांच प्रतिनिधि हों। बिल बनाने का काम तुरंत शुरू हो। संसद के मानसून सत्र में इसे पेश किया जाए।
दो मुद्दों पर गतिरोध
लेकिन समिति के अध्यक्ष पद पर सरकार वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी को रखने पर अड़ी दिखी। लेकिन हजारे इस पर किसी रिटायर्ड जज की नियुक्ति चाहते थे। फिर हजारे ने समिति के गठन संबंधी अधिसूचना जारी करने की भी मांग रखी। लेकिन सरकार ने इससे इनकार कर दिया।
ऐसे बनी रजामंदी
बाद में हजारे ने अपने रुख में नरमी दिखाते हुए कहा कि सरकार भले ही समिति के अध्यक्ष का पद अपने पास रख ले। लेकिन सह-अध्यक्ष हमारा होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि समिति में कोई दागी मंत्री नहीं होना चाहिए।
बीच का रास्ता निकाला
हजारे ने कहा, यदि अध्यक्ष हमारा होगा तो सरकार को कठिनाई होगी। लेकिन यदि कोई मंत्री अध्यक्ष बनेगा तो कैबिनेट को उसकी सिफारिशें मंजूर करनी होंगी। अध्यक्ष और सह-अध्यक्ष के अधिकारों में कोई अंतर नहीं होगा।
शुक्रवार को दिनभर चली चर्चा
> प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील से मुलाकात की।
> सिंह ने राष्ट्रपति को गतिरोध सुलझाने के लिए हो रही कोशिशों की जानकारी दी।
> प्रधानमंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राजनीतिक सचिव अहमद पटेल, केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल तथा प्रणब मुखर्जी से बातचीत की।
> अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री सलमान खुर्शीद तथा विधि मंत्री वीरप्पा मोइली भी प्रधानमंत्री से मिले।
> रात में दोनों पक्षों के बीच बातचीत हुई जो कि सकारात्मक रही।
अन्ना के समर्थन में हजारों अनशन पर
अन्ना हजारे के समर्थन में देश के अलावा विदेश में भी लोगों के आमरण अनशन पर बैठने की खबर है। दिल्ली में हजारे के समर्थन में उपवास कर रहे 320 लोगों में से 15 लोगों की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
रांची में भाकपा-माले के करीब 100 कार्यकर्ता हजारे के समर्थन में उपवास पर हैं। राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, मिजोरम, आंध्रप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक आदि से भी हजारे के समर्थन में धरना/प्रदर्शन/उपवास होने की रिपोर्टें मिली हैं। लॉस एंजिलस में भी कई भारतीयों ने उपवास किया। फेसबुक और ट्विटर जैसी वेबसाइटों पर हजारे के बारे में 45-50 अपडेट प्रति मिनट देखने को मिले।
रामदेव का समर्थन:
योग गुरु बाबा रामदेव भी हजारे के समर्थन में खुलकर आए। उन्होंने कहा कि संयुक्त समिति में सरकार को ईमानदार मंत्रियों को रखना चाहिए।
- अनशन स्थल जंतर-मंतर पर हजारे के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए बड़ी तादाद में स्कूली बच्चे, गृहिणियां और बुजुर्ग लोग भी आए।
हजारे के समर्थन में बॉलीवुड:
मैं ऐसे मुद्दों को सदैव समर्थन देता हूं जो देश के लिए लाभदायक हों।- अमिताभ बच्चन, बॉलीवुड के मेगास्टारमेरे तीन बच्चे हैं। मैं नहीं चाहती कि वे भ्रष्टाचार से ग्रस्त देश में पले-बढ़ें।
- फराह खान, फिल्म निर्देशक
सरकार को देश की आवाज को नजरअंदाज करना बंद करना चाहिए और अब कार्रवाई करनी चाहिए।
अनुपम खेर, अभिनेता
खेदजनक है कि संसद में आठ बार पेश होने के बाद भी पास नहीं हो सका। - विशाल भारद्वाज, संगीतकार
अनशन के चौथे दिन हजारे की सेहत:
- वजन में 2.5 किलो की कमी,
- ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव,
- ओआरएस नहीं लिया।
इन मुद्दों पर बनी सहमति
30 जून तक तैयार होगा बिल का प्रारूप
मानसून सत्र में पेश किया जाएगा बिल
अध्यक्ष सरकार का, सह-अध्यक्ष सिविल सोसायटी से
सरकार समिति गठन की अधिसूचना जल्द जारी करेगी
सरकार और सिविल सोसायटी के समिति में 5-5 प्रतिनिधि।
वर्जन:
हम हजारे से अपील करते हैं कि वे अपना अनशन खत्म करें और बिल का मसौदा बनाने में भागीदारी करें।
- प्रणब मुखर्जी, वित्तमंत्री
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि चीजें ऐसे मोड़ पर आ गई हैं। हम यह प्रस्ताव करते हैं कि अपराधियों और भ्रष्टों को चुनाव लड़ने से रोका जाए।
- एस वाई कुरैशी, मुख्य चुनाव आयुक्त
आपकी राय
क्या अन्ना दूसरे गांधी साबित हुए हैं? नीचे कमेंट बॉक्स में अपनी बात लिखें और दुनिया भर के पाठकों के साथ बहस में शामिल हों।
वर्जन:
हम हजारे से अपील करते हैं कि वे अपना अनशन खत्म करें और बिल का मसौदा बनाने में भागीदारी करें।
- प्रणब मुखर्जी, वित्तमंत्री
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि चीजें ऐसे मोड़ पर आ गई हैं। हम यह प्रस्ताव करते हैं कि अपराधियों और भ्रष्टों को चुनाव लड़ने से रोका जाए।
- एस वाई कुरैशी, मुख्य चुनाव आयुक्त
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